पापा के नाम फर्जी चेक : शुद्ध हवाबाजी
हजार-दो हजार की रकम की चेक पर साइन करते वक्त पापा ऐसे कराह उठते कि जैसे अपनी पूरी मिल्कियत एक ऐसे नालायक लौंड़े के नाम करने जा रहे हों जो पूरी की पूरी एकाध दिन में कविता, कहानी, उपन्यासों की किताबों पर...
View Articleतुम गलत इल्जाम लगा रही हो दीपिका
दीपिका,बेहद तकलीफ से लिख रहा हूं. ये सही है कि हम बोतल की गर्दन पर लिखा सही दाम कभी नहीं देखते.क्यों देखें, जो गांव जाना ही नहीं है, उसका रास्ता जानकर क्या हासिल हो जाएगा ! लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं...
View Articleशिमला मेरे लिए हनीमून का शहर नहीं है
दुबेजी की शिमला स्कूलउस सबूत की शक्ल में कि हां मैंने भी शिमला में "टेलीविजन की भाषा"पर पर्चा पढ़ा था और लोगों के सवालों के जवाब दिए थे "हिन्दी-आधुनिकताः एक पुनर्विचार 1,2,3"किताब आज मिली ये शृंखला तो...
View Articleवक्त के साथ जवान होते अमीन सायानी
पिछले तीन सालों से रेडियो सिटी पर “संगीत के सितारों की महफिल”पेश कर रहे अमीन सायानी का नया शो “सितारों की जवानियां”रेडियो के कई कार्यक्रमों का मिला-जुला रूप है. सबसे खास बात ये कि शो को जिस आवाज और...
View Articleआज रिलीज हो रही है पब्लिक के पैसे से बनी फिल्मः नया पता
आज पवन( Pawan K Shrivastava) और उसकी टीम की फिल्म "नया पता"रिलीज हो रही है. विस्थापन और अपनी ही जमीन पर पहचान के संकट से जूझते रामस्वार्थ दुबे की कहानी जितनी मार्मिक है, इस फिल्म के बनने की पूरी...
View Articleइंडिया टीवी की चुप्पी समझ आती है लेकिन बाकी के चैनल...
तो लीजिए, आज जनसत्ता में इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा की सुसाइड करने की कोशिश और चैनल की डांध पर जो लेख छपा, उसे लेकर नसीहत की शक्ल में प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई. ऐसे मेल में हिन्दी सिनेमा के कुछ...
View Articleऔर मैं जो आपके घर आकर ईद मनाउं तो ?
मयूर विहार में वो मेरी इक्सक्लूसिव और आखिरी मेड थी. वो मजाक में कहा करती- भइया, आप हमको काम करने के नहीं, बात करने के पैसे देते हो ? बताओ, हमको खाना टाइम से बनाना चाहिए तो आते ही चाय बनाकर मेरे साथ चाय...
View Articleतब तो इस किताब की कवर पीके की पोस्टर से ज्यादा अश्लील है ?
मेरे पास क्रिस बार्कर की एक किताब है- कल्चरल स्टडीजः थीअरि एंड प्रैक्टिस. मूलतः ये रीडर है जो सांस्कृतिक विमर्शों को समझने के लिए बेहद जरूरी किताब है. वैसे भी क्रिस बार्कर मीडिया और कल्चरल स्टडीज की...
View Articleरेडियो पर लेख लिखते हुए
लेख अगर शोधपरक न हो और किसी भारी-भरकर पत्रिका में न छपनी हो तो रेडियो पर लिखते वक्त हम थोड़ा तो भावुक हो ही जाते हैं. रिसर्च ऑर्टिकल लिखते वक्त जहां हम कठोरतापूर्वक एक-एक तथ्य,तारीख,फैसले और सरकारी...
View Articleएक बार अंतोनियो ग्राम्शी को पढ़ लें स्मृति इरानी
स्मृति इरानी की अंग्रेजी जितनी अच्छी है और जितना धैर्य है( आठ साल तक देश की आदर्श बहू बने रहना आसान काम नहीं है) डिग्री जुटाने और पढ़ी-लिखी साबित करने की चुटकुलेबाजी में फंसने के बजाय एक बार अंतोनियो...
View Articleतंत्रा की टी पर "धोबी"जातिसूचक शब्द प्रयोग क्यों ?
पसीने से तरबतर और पूरी तरह भीग चुकी टी को धोने के लिए जब टब में डालने ही जा रहा था कि बिल्कुल गर्दन के नीचे लिखे निर्देश पर नजर गयी और हैरानी तब हुई, जब एक ही साथ दो परस्पर विरोधी बातें लिखी थी-एक तो...
View Articleब्रांड मोदी के शिक्षक दिवस का पुछल्ला बनने के मायने
शिक्षक और छात्र के भावनात्मक संबंध( हालांकि इसकी बेतहाशा धज्जियां उड़ती रही है और जारी है, फिर जो थोड़ा-बहुत बचा है) के बीच और जिसे कि अलग से व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता रहा...
View Articleहिन्दी सिनेमा के ब्लैकबोर्ड- क्लासरूम, कितना कुछ कहते हैं
"आपको जब सिंपल भाषा इतनी ही पसंद हो तो आप आर्टस या कॉमर्स कॉलेज ज्वायन कीजिए"- फिजिक्स टीचर, थ्री इडियट्सइचक-दाना, बिचक-दाना( श्री 420 ) गाने में मिरची लिखा देख आप दुविधा में पड़ सकते हैं कि...
View Articleआपकी रगो में हिन्दी सिनेमा का टुकड़ा दौड़ता है, इसलिए
ए राजा ! दो न रे, एकदम करीना जैसी बहू मिलेगी तेको. जोड़ी सलामत रहे राजा. ए चिकने, गर्लफ्रेंड को लेकर कहा उड़ा जा रहा है रे, इधर भी तो देख, क्या कमी है ?रेडलाइट पर ऑटो के ठीक आगे आकर इस तरह के संवाद और...
View Articleहिन्दी दिवस के नाम पर हमें छाती नहीं कूटनी है जी, सॉरी
मेरे घर में कांटा-चम्मच से लेकर कूकर,कडाही, डब्बा-डिब्बी, एसी,फ्रीज,टीवी,वॉशिंग मशीन सब हिन्दी की कमाई से है. पूंजी के नाम पर मीडिया और कल्चरल स्टडीज की जो सैंकड़ों अंग्रेजी में किताबें हैं, वो सबकी सब...
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