ब्लॉगिंग करते हो गए आज छह साल
"विनीत, आपकी शर्ट की साइज क्या है? प्लीज, आप ऐसा मत कीजिए मेरे साथ..मैं ऐसे मौके पर अपने को बहुत हारा हुआ और एक हद तक अपमानित महसूस करता हूं. हम ब्लॉगरों को आप बोलने के लिए बुला ही लेते हैं सो काफी है....
View Articleहम खुद भी तो मीडिया को आजाद देखना नहीं चाहते !
आप कहते हैं हमारा मीडिया मैनेज्ड है, बिका हुआ है. राज्य टीवी से आए ज्ञानेन्द्र पांडेय ने तो यहां तक कहा कि संपादक दलाल हो गए हैं और वो अपने मालिकों के लिए टिकटों के लिए काम करते हैं..इस बात पर जो आगे...
View Articleजब आपका न्यूजरुम माता की चौकी में तब्दील हो जाता है
आपका न्यजू एंकर पूरे नवरात्र तक उसी तरह सज-संवरकर माता रानी पर स्पेशल प्रोग्राम लेकर आता रहा, जिस तैयारी से वो किसी मंदिर के आगे मत्था टेकने जाता या जाती. उनमे से कुछ ने तो सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीर...
View Articleबकरी चराना इतना आसान और गया-गुजरा काम तो नहीं ?
एक से एक प्रगतिशील, हक और हाशिए के समाज की बात करनेवाले लोग और बेहद बारीकी से अपनी बात रखनेवाले को देखता हूं कि बकरी चराने जैसे पदबंध का इस्तेमाल इस तरह से करते हैं जैसे कि ये दुनिया का सबसे आसान,बेगार...
View Articleसवाल सिर्फ कांग्रेस को कसंग्रेस यानी गलत लिखने का नहीं है.
इंदौर शहर में राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस की जगह कसंग्रेस के लिखे जाने को लेकर न्यूज चैनलों में खूब फुटेज काटे-चिपकाए जा रहे हैं. चैनलों का मुद्दा गाहे-बगाहे फेसबुक वॉल पर आ ही जाते हैं और हम भी...
View Articleहम सरदार पटेल की मूर्ति के लिए निब बराबर भी लोहा नहीं देंगे
सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बनवाने की नरेन्द्र मोदी की घोषणा और शिलान्यास की जितनी व्याख्या और आलोचना हो रही है, उससे कई गुना ताकतवर ढंग से और लगभग एक उबाउ सामग्री की शक्ल में...
View Articleजीत की परिभाषा इतनी छोटी नहीं होतीः संदर्भ, महुआ न्यूज
छोटी दीवाली की शाम यानी 2 नवम्बर जब हम महुआ न्यूज( नोएडा फिल्म सिटी) पहुंचे तो देखा महुआ न्यूज का ही एक मीडियाकर्मी जोर-जोर से अपने ही साथी मीडियाकर्मी को मां-बहन की गालियां देता हुआ इधर से उधर...
View Articleएक सिलेबस कंटेंट सप्लायर का सेंटी हो जाना
मेरे जीवन का ये "चेका-चेकी काल"है. मीडिया के बच्चों की कालजयी परियोजना कार्य और प्रश्नोत्तर चेक कर रहा हूं. कंटेंट की बात बाद में, पहले तो ये कि इनमे से कुछ तो इतने मंहगे कागज पर काम करते हैं कि उन...
View Articleओमप्रकाश वाल्मीकिः जो डिब्बाबंद विमर्श के खिलाफ डटे रहे
तो तुम देहरादून के इस राजपुर रोड़ से अंडे लाने कहां जाते हो ? वाल्मीकिजी ने दून रीडिंग्स में जब देखा तो बिना कुछ पूछे पहला सवाल यही किया और जब तक मैं कुछ कहता, उनकी पत्नी चंद्रावतीजी ने जोर से हंसते...
View Articleतहलका प्रकरणः हमारी प्रतिबद्धता मरकर ही साबित होगी
आप दिनभर हमसे फोन, एसएमएस और एफबी इनबॉक्स के जरिए सवाल करते रहे कि तरुण तेजपाल को लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ? आप कभी मुझे जी न्यूज, कभी एबीपी न्यूज तो कभी न्यूज 24 देखने की बात कहते रहे...आपकी...
View Articleमेरे लिए तहलका का मतलब सिर्फ तरुण तेजपाल नहीं
आपके लिए तहलका का मतलब सिर्फ तरुण तेजपाल है या रहा है इसलिए आप तरुण तेजपाल और तहलका को एक-दूसरे का पर्यायवाची मान रहे हैं. इसकी दो वजह हो सकती है..या तो आपने इधर कुछ सालों से इसे पढ़ना बंद कर दिया है...
View Articleअपने नाम से मिले एक खुले पत्र का जवाबः संदर्भ तरुण तेजपाल प्रकरण
मीडियाखबर में "युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के नाम खुला पत्र, संदर्भ तरुण तेजपाल यौन उत्पीडन "शीर्षक से एक पोस्ट प्रकाशित हुई..समय की कमी के कारण सुबह से इस पोस्ट के वर्चुअल स्पेस पर खुले रहने के...
View Articleनरेन्द्र मोदी चे ग्वेएरा कैसे हो सकते हैं विकल्प ? ( पुलिटिकल लप्रेक)
विकल्प, तुम पागल तो नहीं हो गए हो, इस टी को पहनकर जाओगे चायना वॉल डिनर करने ?क्यों, इस टीशर्ट में क्या प्रॉब्लम है, ब्लू जींस पे ये डार्क यलो, ठीक तो है.ठीक है लेकिन पीछे जो इतने बड़े-बड़े अक्षरों में...
View Articleब्रांड राजनीति के औजार
मूलतः प्रकाशित- जनसत्ता, 6 अप्रैल 2014आगामी लोकसभा चुनाव 2014 को लेकर किए जा रहे विज्ञापन, रैली एवं प्रचार की पूरी रणनीति किसी भी दूसरे व्यवसाय के लिए की जानेवाली मार्केटिंग एवं “ब्रांड पोजिशनिंग”की ही...
View Articleकहानीकार प्रेमपाल शर्मा को किताबवाले बाबा भी कहते हैं, नहीं पता था
कथाकार प्रेमपाल शर्माको किताबोंवाले बाबा कहते हैं, ये बात मैं पहले नहीं जानता था. उनकी रचनाओं के बजाय जनसत्ता में छपे लेख और उनकी ही रचनाओं पर लिखी समीक्षा ही पढ़ी है.आज से कोई दस साल पहले एमए के दिनों...
View Articleक्या नवभारत टाइम्स, एबीपी, साधना न्यूजवाले शू-शू नहीं करते ?
धार छूटती कि इसके पहले ही उल्टियां शुरू हो गई. हारकर मैंने जिप बंद की और तेजी से बाहर भागा. बाहर आकर सांस ली और सामान्य होने की कोशिश करने लगा. बाहर निकलकर बार-बार मैं यही सोचने लगा-क्या चार घंटे के इस...
View Articleहरियाणा में जारी है दलित स्त्रियों के बलात्कार की वर्कशॉप
लड़की के साथ यौन हिंसा और बलात्कार एक बात है और दलित लड़की के साथ बलात्कार दूसरी बात है. ये विभाजन स्पष्ट रूप से आपको हरियाणा में लगातार हो रही घटना के मामले में दिख जाएगा. दलित लड़कियां बलात्कारियों...
View Articleदेखो मनीषा, मैंने आप पर पोस्ट लिख दी न.
अबे स्साले ! क्या कर रहा है तू ? भरी अल्सायी दुपहरी में जबकि हम हॉस्टल की कढ़ी-चावल ठांसकर लेटे-लेटे 9x पर जिया जले देख ही रहे थे कि फोन उठाने पर उधर से किसी ने बोला. मन तो किया कि उसी वक्त दो चमाट दूं...
View Articleअच्छा होता, भीतर थोड़ा मां कम होती, हम खुद होते
तुम तो छौंड़ी ( लड़की ) की तरह छोटी-छोटी बातों पर भी रोने लग जाते हो, हैंडल बिद केयर मटीरियल हो तुम. पागल हो क्या , मैं कहां रो रहा हूं, फोन पर तुम्हें कैसे पता चल जाता है कि मैं रो रहा हूं,...
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