हो गए राजेश खन्ना, अब कुछ जिंदा लोगों को भी देखें भइया
दीदी अपना काम खत्म कर चुकी थी और रोज की अपेक्षा आज कुछ ज्यादा ही जल्दी में थी. रोज काम के बाद थोड़ी ही देर सही, मेरे पास बैठती. दुख-सुख, गर गृहस्थी की बातें बताती. मेरी हरकतों पर हंसती. विम जब खत्म हो...
View Articleहजरात ! तो पेश है महमूद-दानिश की "मंटोइयत"
मंटो पर फ्रॉड शब्द चढ़ा रहता. वो बात-बात में फॉड है, कहते. ये मीराजी के दोनों हाथों में गोले क्या हैं ? सब फ्रॉड है..कुछ हेपतुल्ला करो यार, इसमें हेपतुल्लइज्म नहीं है, थोड़ा हेपतुलाइजेशन होनी चाहिए. ये...
View Articleजिसकी निष्ठा खुद कटघरे में हो
नौ जुलाई को गुवाहाटी की बीस साल की छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ और हमले के मामले में मीडिया को बराबर का अपराधी माना जा रहा है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता और अण्णा समूह के सदस्य अखिल गोगोई ने गुवाहाटी के...
View Articleअब यही चैनल आंदोलन को शो बता रहे हैं
अन्ना सीजन वन और सीजन टू में टाटा से लेकर महिन्द्रा कंपनी ने अन्ना का समर्थन करके सरकार को आगाह कर दिया था कि अगर संसद के भीतर की चीजें हमारे मुताबिक नहीं हुई तो हम संसद के बाहर का मौहाल इतनी गर्म कर...
View Articleमहुआ न्यूज में अनशन खत्म, मतलब अब हरामजादों का जन्म होगा
महुआ न्यूज के मीडियाकर्मियों का धरना-प्रदर्शन खत्म हो गया. खबर है कि प्रबंधन ने उनकी मांगें मान ली है. मीडिया के कुछ साथी हमें भी इस बात की बधाई देते हुए इसे मीडियाकर्मियों के लिए विजय दिवस है बता रहे...
View Articleवो कृष्ण के वंशज बड़े ही ऐंवे टाइप लग रहे थे
देर रात से ही लोग कृष्ण जन्माष्टमी की धुंआधार बधाईयां दे रहे हैं, जिसके आने-होने-मनाने में मेरी कोई भूमिका नहीं है..इसी क्रम में कुछ भाई लोग सड़े-गले चुटकुले भी ठेल दे रहे हैं जिनमें भाव है कि जीवन में...
View Articleतुमको पैदा करने में हम लड़की जैसा तकलीफ सहे थे
मां ने मेरे पैदा होने के बाद के दर्जनों किस्से सुनाए हैं. जब मैं पैदा हुआ तो घर-परिवार में लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी,लोग क्या कह रहे थे, मां की खुद की हालत कैसी थी, पापा का बिजनेस तब कैसा चल रहा था...
View Articleछूट गया मयूर विहार का 221, हम किरायेदारों का कोई घर नहीं होता
दलीलः ये जानते हुए कि किरायेदार का कोई घर नहीं होता, वो माचिस की डिब्बी जैसे कमरे से लेकर कोल्ड स्टोरेज इतनी बड़ी फ्लैट को जिंदगीभर घर के बजाय मकान बोलने के लिए अभिशप्त है, मैं 221,...
View Article25 की विद्यार्थी थाली, हम मां की रसोई खोजते यहां पहुंचे थे
मयूर विहार की बैचलर्स किचन उजड़ जाने के बाद कुछ दिनों तक रोटी के लिए इधर-उधर भटकता रहा. कुछ तो जानकारी का अभाव और कुछ दिल्ली का फूड कल्चर, आप पैसे खर्च करने के बाद भी बिना तामझाम का खाना नहीं खा सकते....
View Articleकोयले के धंधे में दागदार तो नहीं- प्रभात खबर, दैनिक भास्कर और लोकमत ?
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा खंभा माननेवाले और उसके प्रति उसी भाव से आस्था रखनेवाले हमारे मीडिया श्रद्धालु पाठकों को ये सुनकर शायद झटका लगे कि वो देश के जिन तीन बड़े और लोकप्रिय अखबार को खबर और उसकी...
View Articleअसीम त्रिवेदी पहले कार्टूनिस्ट हैं या नागरिक ?
जहां तक मुझे याद है असीम त्रिवेदी के जिन कार्टूनों को लेकर विवाद हो रहा है, उसी मिजाज के कार्टून्स की प्रदर्शनी उन्होंने जंतर-मंतर पर चल रहे अन्ना आंदोलन के दौरान लगायी थी. कुछ कार्टून्स उन्होंने...
View Articleचलो बाजार कफ़न खरीदने, कल हिन्दी दिवस है(1)
आपको सोचकर कभी हैरानी नहीं होती कि जो हिन्दी समाज अपने स्वभाव और चरित्र से उत्सवधर्मी रहा है, हिन्दी दिवस के मौके पर इतना मातमी क्यों हो जाता है ? सालभर तक हिन्दी की रोटी/ बोटी खाने-चूसनेवाले मूर्धन्य...
View Articleयशोदा सिंह की दस्तक पढ़ने के तुरंत बाद
सच में, हसीना खाला की तरह मैं भी चाहे कितनी भी सड़ी गर्मी हो,सोते वक्त देह पर रजाई या कंबल डाले बिना सो नहीं सकता. दिनभर की थकान और मानसिक तनाव को जब खूंटी पर टांगने और आले पर रखने की कोशिश करता हूं...
View Articleकैमरामैन निखिल के साथ- नीलिमा,दिल्ली आजतक
आज वीडियोकॉन टावर,झंडेवालान में "आजतक" समाचार चैनल का आखिरी दिन है. इसके बाद से ये चैनल बल्कि टीवी टुडे नेटवर्क कंपनी नोएडा में बनी अपनी दैत्याकार बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी. आजतक के इन्टर्न के तौर पर...
View Articleब्लॉगिंग करते हुए आज हो गए पांच साल
आज ब्लॉगिंग करते हुए कुल पांच साल हो गए. आज ही के दिन मैंने मेनस्ट्रीम मीडिया की मामूली( सैलरी के लिहाज से) नौकरी छोड़कर अकादमिक दुनिया में पूरी तरह वापस आने का फैसला लिया था. ब्लॉगिंग करते हुए...
View Articleपीएम अंकल हन्नी सिंह के बिग फैन हैं. है न निखिल ?
लप्रेक( लघु प्रेम कथा)निखिल ! हां नीलिमा. एक बात बता,ये अपने पीएम अंकल हमारी तरह ही हनी सिंह के बिग फैन हैं क्या ? क्यों क्या हुआ ? नहीं,वैसे ही पूछ रही हूं,मुझे लगा तो. देख न जबसे उसकी एल्बम...
View Articleहीरोईनः डर लग रहा है, कहीं भंडारकर राम गोपाल वर्मा न बन जाएं
हीरोईन फिल्म देख ली. मैं भीतर से डरा हुआ हूं कि इस फिल्म के बाद मधुर भंडारकर की हालत रामगोपाल वर्मा जैसी न हो जाए. उनकी तरह ही मधुर की फिल्म से शॉट्स,डायलॉग के होने-न होने के तर्क तेजी से खत्म हो रहे...
View Articleखून पीते रहनेवाला लाइव इंडिया, आज खून दान कर-करवा रहा है
आज दि टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पन्ने का आधा हिस्सा "लाइव इंडिया" चैनल के विज्ञापन से रंगा है. अपने मीडियाकर्मियों का खून चूसनेवाला चैनल आज देशभर में रक्तदान कराने और उसका लाइव प्रसारण का काम करने जा...
View Articleवो नामवर सिंह की किताब पलटता,जोर से बोलता- ए,बी,छी,डी
हम भी बात कलेंगे. पापा,हम भी बात कलेंगे. मम्मी हमको भी हैलो बोलना है. हम हैलो बोलके फोन वापच कल्ल देंगे. विनीत चाचा छे हम भी बात कलेंगे. हैलो, विनीत चाचा..क्या कल्ल लहे हैं आप ? मैं बाबू, मैं होमवर्क...
View Articleशेर-शेरनी का संभोग दर्शन, जोहन्सबर्ग की सबसे बड़ी उपलब्धि
प्रभात रंजन ने अपनी फेसबुक दीवार पर ये सवाल उठाया है कि हिन्दी साहित्य और उसके भविष्य की जब भी चर्चा होती है, उस पर बात करने के लिए “हिन्दी के भूत” को ही क्यों बुलाया जाता है ? वैसे तो हिन्दी की...
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